Tuesday, March 30, 2010

CID Shayari

शाम का सूरज ढलने लगा आसमा पर छाई लाली है ...वाह!
शाम का सूरज ढलने लगा आसमा पर छाई लाली है ..वाह वाह !

ACP प्रद्युमन - "दया, दाल में कुछ काला नहीं, पूरी दाल ही काली है।"

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