Monday, April 5, 2010

CID Shayari

अलग अलग किस्म के कुत्ते हैं शहर की गलियों  में कोई पतला है कोई मोटा है ...
अलग अलग किस्म के कुत्ते हैं शहर की गलियों में कोई पतला है कोई मोटा है ......

दया to  acp - "सर मुझे लगता है खुनी ने इसका गला घोंटा है!!!"

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