Saturday, May 22, 2010

CID Shayari

दिल दिया ऐतबार की हद थी, जान दे दी ये मेरे प्यार की  हद थी..
दिल दिया ऐतबार की हद थी, जान दे दी ये मेरे प्यार की  हद थी..

खुले हुए दरवाज़े को भी दया ने तोड़ दिया...यह तो destructiveness की हद थी!!

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