Tuesday, May 25, 2010

CID Shayari

वफ़ा के ज़िक्र में ग़ालिब मुझे गुमान था, वो दर्द इश्क वफाओं को खो चुका होगा..
वफ़ा के ज़िक्र में ग़ालिब मुझे गुमान था, वो दर्द इश्क वफाओं को खो चुका होगा....

ACP प्रद्युमन - "दया, ये खून doctor के वहां पहुचने से पहले ही हो चुका होगा !!"

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