Sunday, August 15, 2010

CID Shayari










किया है तनहाइयों ने बेचैन मुझको..
किया है तनहाइयों ने बेचैन मुझको..


अभिजीत ख़ूनी से - "खून करते वक़्त ज़रासी भी शर्म नहीं आई तुझको?"

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