Monday, August 2, 2010

CID Shayari

तुम मुस्कुराना बंद कर दो तो शाम ढल सकती है..
तुम मुस्कुराना बंद कर दो तो शाम ढल सकती है..

ACP - "दया, अभिजीत सावधान रहना, कहीं से भी गोली चल सकती है"

No comments:

Post a Comment