Thursday, August 5, 2010

CID Shayari

आखों में आंसुओं को उभरने न दिया..मिट्टी पे मोतियों को बिखरने न दिया..
आखों में आंसुओं को उभरने न दिया..मिट्टी पे मोतियों को बिखरने न दिया..

ACP प्रद्युमन (Poking his eyeballs out of his eye sockets  in anger ) - "यह खून तुमने नहीं तो फिर किसने किया?

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