बदन पर अपने लहू का लिबास रखता हूँ, ख़ास फूल हूँ रंगत भी ख़ास रखता हूँ..
बदन पर अपने लहू का लिबास रखता हूँ, ख़ास फूल हूँ रंगत भी ख़ास रखता हूँ.....
Suspect says to ACP Pradyuman - "सर में तो यहाँ था ही नहीं, तो मैं यह खून कैसे कर सकता हूँ ?"
Wednesday, June 2, 2010
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