उनको खबर है मेरे टूटे हुए अरमानों की, आज ज़रुरत पड़ेगी कांच के पैमानों की..
उनको खबर है मेरे टूटे हुए अरमानों की, आज ज़रुरत पड़ेगी कांच के पैमानों की..
ACP प्रद्युमन के होते हुए Crime करने की सोचे....ऐसी हिम्मत नहीं है ज़माने की
Wednesday, June 9, 2010
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