Thursday, May 27, 2010

CID Shayari

CID Shayari

चाहत की महफ़िल में बुलाया है किसी ने, खुद बुला कर फिर सताया है किसी ने...
चाहत की महफ़िल में बुलाया है किसी ने, खुद बुला कर फिर सताया है किसी ने...

दया - "सर, यह कितना भी जूठ बोल ले, मैं जानता हूँ खून किया है इसी ने !!"

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