Sunday, May 30, 2010

CID Shayari

CID Shayari


रात के अँधेरे में जुगनू जलने लगते है..
रात के अँधेरे में जुगनू जलने लगते है..

"डॉ. सालुंके को देखके मुर्दे भी बोलने लगते है"

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